कुक्कुट की नस्लें और उनकी उपलब्धता
केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर द्वारा विकसित नस्लें
घर के पिछवाड़े में पाले जाने वाली नस्लें
कारी निर्भीक (एसील क्रॉस)
- एसील का शाब्दिक अर्थ वास्तविक या विशुद्ध है। एसील को अपनी तीक्ष्णता, शक्ति, मैजेस्टिक गेट या कुत्ते से लड़ने की गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। इस देसी नस्ल को एसील नाम इसलिए दिया गया क्योंकि इसमें लड़ाई की पैतृक गुणवत्ता होती है।
- इस महत्वपूर्ण नस्ल का गृह आंध्र प्रदेश माना जाता है। यद्यपि, इस नस्ल के बेहतर नमूने बहुत मुश्किल से मिलते हैं। इन्हें शौकीन लोगों और पूरे देश में मुर्गे की लड़ाई-शो से जुड़े हुए लोगों द्वारा पाला जाता है।
- एसील अपने आप में विशाल शरीर और अच्छी बनावट तथा उत्कृष्ट शरीर रचना वाला होता है।
- इसका मानक वजन मुर्गों के मामले में 3 से 4 किलो ग्राम तथा मुर्गियों के मामले में 2 से 3 किलो ग्राम होता है।
- यौन परिपक्वता की आयु (दिन) 196 दिन है।
- वार्षिक अंडा उत्पादन (संख्या)- 92
- 40 सप्ताह में अंडों का वजन (ग्राम)- ५०
कारी श्यामा (कडाकानाथ क्रॉस)
- इसे स्थानीय रूप से “कालामासी” नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ काले मांस (फ्लैश) वाला मुर्गा है। मध्य प्रदेश के झाबुआ और धार जिले तथा राजस्थान और गुजरात के निकटवर्ती जिले जो लगभग 800 वर्ग मील में फैला हुआ है, इन क्षेत्रों को इस नस्ल का मूल गृह माना गया है।
- इनका पालन ज्यादातर जनजातीय, आदिवासी तथा ग्रामीण निर्धनों द्वारा किया जाता है। इसे पवित्र पक्षी के रूप में माना जाता है और दीवाली के बाद इसे देवी के लिए बलिदान देने वाला माना जाता है।
- पुराने मुर्गे का रंग नीले से काले के बीच होता है जिसमें पीठ पर गहरी धारियां होती हैं।
- इस नस्ल का मांस काला और देखने में विकर्षक (रीपल्सिव) होता है, इसे सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि औषधीय गुणवत्ता के लिए भी जाना जाता है।
- कडाकनाथ के रक्त का उपयोग आदिवासियों द्वारा मानव के गंभीर रोगों के उपचार में कामोत्तेजक के रूप में इसके मांस का उपयोग किया जाता है।
- इसका मांस और अंडे प्रोटीन (मांस में 25-47 प्रतिशत) तथा लौह एक प्रचुर स्रोत माना जाता है।
- 20 सप्ताह में शरीर वजन (ग्राम)- 920
- यौन परिपक्वता में आयु (दिन)- 180
- वार्षिक अंडा उत्पादन (संख्या)- 105
- 40 सप्ताह में अंडे का वजन (ग्राम)- 49
- जनन क्षमता (प्रतिशत)- 55
- हैचेबिल्टी एफ ई एस (प्रतिशत)- ५२
हितकारी (नैक्ड नैक क्रॉस)
- नैक्ड नैक परस्पर बड़े शरीर के साथ-साथ लम्बी गोलीय गर्दन वाला होता है। जैसे इसके नाम से पता लगता है कि पक्षी की गर्दन पूरी नंगी या गालथैली (क्रॉप) के ऊपर गर्दन के सामने पंखों के सिर्फ टफ दिखाई देते हैं।
- इसके फलस्वरूप इनकी नंगी चमड़ी लाल हो जाती है विशेषरूप से नर में यह उस समय होता है जब ये यौन परिपक्वतारूपी कामुकता में होते है।
- केरल का त्रिवेन्द्रम क्षेत्र नैक्ड नैक का मूल आवास माना जाता है।
- 20 सप्ताह में शरीर का वजन (ग्राम)- 1005
- यौन परिपक्वता में आयु (दिन)- 201
- वार्षिक अंडा उत्पादन (संख्या)- 99
- 40 सप्ताह में अंडे का वजन (ग्राम)- 54
- जनन क्षमता (प्रतिशत)- 66
- हैचेबिल्टी एफ ई एम (प्रतिशत)- ७१
उपकारी (फ्रिजल क्रॉस)
- यह विशिष्ट मुरदार-खोर (स्कैवइजिंग) प्रकार का पक्षी है जो अपने मूल नस्ल आधार में विकसित होता है। यह महत्वपूर्ण देसी मुर्गे की तरह लगता है जिसमें बेहतर उपोष्ण अनुकूलता तथा रोग प्रतिरोधिता, अपवर्जन वृद्धि तथा उत्पादन निष्पादन शामिल है।
- घर का पिछवाड़ा मुर्गी पालन के लिए उपयुक्त है।
- उपकारी पक्षियों की चार किस्में उपलब्ध हैं जो विभिन्न कृषि मौसम स्थितियों के लिए अनुकूल है।
- काडाकनाथ X देहलम रैड
- असील X देहलम रैड
- नैक्ड नैक X देहलम रैड
- फ्रिजल X देहलम रैड
निष्पादन रूपरेखा
- यौन परिपक्वता की आयु 170-180 दिन
- वार्षिक अंडा उत्पादन 165-180 अंडे
- अंडे का आकार 52-55 ग्राम
- अंडे का रंग भूरा होता है
- अंडे की गुणवत्ता, उत्कृष्ट आंतरिक गुणवत्ता
- 95 प्रतिशत से ज्यादा सहनीय
- स्वभाविक प्रतिक्रिया तथा बेहतर चारा
लेयर्स
कारी प्रिया लेयर
- पहला अंडा 17 से 18 सप्ताह
- 150 दिन में 50 प्रतिशत उत्पादन
- 26 से 28 सप्ताह में व्यस्तम उत्पादन
- उत्पादन की सहनीयता (96 प्रतिशत) तथा लेयर (94 प्रतिशत)
- व्यस्तम अंडा उत्पादन 92 प्रतिशत
- 270 अंडों से ज्यादा 72 सप्ताह तक हेन हाउस
- अंडे का औसत आकार
- अंडे का वजन 54 ग्राम
कारी सोनाली लेयर (गोल्डन– 92)
- 18 से 19 सप्ताह में प्रथम अंडा
- 155 दिन में 50 प्रतिशत उत्पादन
- व्यस्तम उत्पादन 27 से 29 सप्ताह
- उत्पादन (96 प्रतिशत) तथा लेयर (94 प्रतिशत) की सहनीयता
- व्यस्तम अंडा उत्पादन 90 प्रतिशत
- 265 अंडों से ज्यादा 72 सप्ताह तक हैन-हाउस
- अंडे का औसत आकार
- अंडे का वजन 54 ग्राम
कारी देवेन्द्र
- एक मध्यम आकार का दोहरे प्रयोजन वाला पक्षी
- कुशल आहार रूपांतरण- आहार लागत से ज्यादा उच्च सकारात्मक आय
- अन्य स्टॉक की तुलना में उत्कृष्ट- निम्न लाइंग हाउस मृत्युदर
- 8 सप्ताह में शरीर वजन- 1700-1800 ग्राम
- यौन परिपक्वता पर आयु- 155-160 दिन
- अंडे का वार्षिक उत्पादन- 190-200
ब्रायलर
कारीब्रो – विशाल( कारीब्रो-91)
- दिवस होने पर वजन – 43 ग्राम
- 6 सप्ताह में वजन – 1650 से 1700 ग्राम
- 7 सप्ताह में वजन – 100 से 2200 ग्राम
- ड्रैसिंग प्रतिशतः 75 प्रतिशत
- सहनीय प्रतिशत – 97-98 प्रतिशत
- 6 सप्ताह में आहार रूपांतरण अनुपातः 1.94 से 2.20
कारी रेनब्रो (बी-77)
- दिवस होने पर वजन – 41 ग्राम
- 6 सप्ताह में वजन – 1300 ग्राम
- 7 सप्ताह में वजन – 160 ग्राम
- सहनीय प्रतिशत – 98-99 प्रतिशत
- ड्रैसिंग प्रतिशतः 73 प्रतिशत
- 6 सप्ताह में आहार रूपांतरण अनुपातः 1.94 से 2.20
कारीब्रो–धनराजा (बहु–रंगीय)
- दिवस होने पर वजन – 46 ग्राम
- 6 सप्ताह में वजन – 1600 से 1650 ग्राम
- 7 सप्ताह में वजन – 2000 से 2150 ग्राम
- ड्रेसिंग प्रतिशतः 73 प्रतिशत
- सहनीय प्रतिशत – 97-98 प्रतिशत
- 6 सप्ताह में आहार रूपांतरण अनुपातः 1.90 से 2.10
कारीब्रो– मृत्युंजय (कारी नैक्ड नैक)
- दिवस होने पर वजन – 42 ग्राम
- 6 सप्ताह में वजन – 1650 से 1700 ग्राम
- 7 सप्ताह में वजन – 200 से 2150 ग्राम
- ड्रैसिंग प्रतिशतः 77 प्रतिशत
- सहनीय प्रतिशत – 97-98 प्रतिशत
- 6 सप्ताह में आहार रूपांतरण अनुपातः 1.9 से 2.0
कोयल
- हाल ही के वर्षों में जैपनीज कोयल ने अपना व्यापक प्रभाव दिखाया है और अंडे तथा मांस उत्पादन के लिए पूरे देश में अनेक कोयला-फार्म स्थापित किये गये हैं। यह उपभोक्ताओं की गुणवत्ता वाले मांस के प्रति बढ़ती हुई जागरुकता के कारण हुआ है।
- निम्नलिखित घटक कोयल पालन प्राणाली को किफायती और तकनीकी रुप से व्यवहारिक बनाते हैं।
- लघु अवधि पीढ़ी अंतराल
- कोयल रोग के प्रति काफी सशक्त होती
- किसी तरह के टीकाकरण की जरूरत नहीं होती
- कम जगह की जरूरत होती
- रख-रखाव में आसानी होती
- जल्दी परिपक्व होती
- अंडे देने की उच्च तीव्रता – मादा 42 की आयु में अंडे देना आरंभ करती
कारी उत्तम
- कुल अंडे सैट पर हैचेबिल्टीः 60-76 प्रतिशत
- 4 सप्ताह में वजनः 150 ग्राम
- 5 सप्ताह में वजनः 170-190 ग्राम
- 4 सप्ताह में आहार दक्षताः 2.51
- 5 सप्ताह में आहार दक्षताः 2.80
- दैनिक आहार खपतः 25-28 ग्राम
कारी उज्जवल
- कुल अंडे सैट पर हैचेबिल्टीः 60-76 प्रतिशत
- 4 सप्ताह में वजनः 140 ग्राम
- 5 सप्ताह में वजनः 170-175 ग्राम
- 5 सप्ताह में आहार दक्षताः 2.93
- दैनिक आहार खपतः 25-28 ग्राम
कारी स्वेता
- कुल अंडे सैट पर हैचेबिल्टीः 50-60 प्रतिशत
- 4 सप्ताह में वजनः 135 ग्राम
- 5 सप्ताह में वजनः 155-165 ग्राम
- 4 सप्ताह में आहार दक्षताः 2.85
- 5 सप्ताह में आहार दक्षताः 2.90
- दैनिक आहार खपतः 25 ग्राम
कारी पर्ल
- कुल अंडे सैट पर हैचेबिल्टीः 65-70 प्रतिशत
- 4 सप्ताह में वजनः 120 ग्राम
- दैनिक आहार खपतः 25 ग्राम
- 50 प्रतिशत अंडा उत्पादन की आयुः 8-10 सप्ताह
- टैन-डे उत्पादनः 285-295 अंडे
गिनी कुक्कुट / गिनी मुर्गा
- गिनी मुर्गा एक काफी स्वतंत्र घूमने वाला पक्षी है।
- यह सीमांत और छोटे किसानों के लिए काफी उपयुक्त है।
- उपलब्ध तीन किस्में हैं- कादम्बरी, चितम्बरी तथा श्वेताम्बरी
विशेष लक्षण
- स्वस्थ पक्षी
- किसी भी तरह के कृषि मौसम स्थिति के लिए अनुकूल
- मुर्गे के अनेक सामान्य रोगों की प्रतिरोधी क्षमता
- विशाल और महंगे घरों की जरुरत न होना
- उत्कृष्ट चारा अनुकूलता
- चिकन आहार में उपयोग न किये जाने वाले समस्त गैर पारंपरिक आहार की खपत
- माइकोटोक्सीन तथा एफ्लाटोक्सीन के प्रति अधिक वहनीयता
- अंडे का बाहर का छिलका सख्त होने की वजह से कम टूटता है और इसकी बेहतर गुणवत्ता बनी रहने की अवधि में वृद्धि होती है
- गिनी मुर्गे का मांस विटामिन से भरपूर होता है तथा इसमें कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती है।
उत्पादन लक्षण वर्गन
- 8 सप्ताह में वजन 500-550 ग्राम
- 12 सप्ताह में वजन 900-1000 ग्राम
- प्रथम अंडे जनन में आयु 230-250 दिन
- औसत अंडे का वजन 38-40 ग्राम
- अंडा उत्पादन (मार्च से सितम्बर तक एक अंडे जनन चक्र में) 100-120 अंडे
- जनन क्षमता 70-75 प्रतिशत
- जनन शक्ति वाले अंडे सैट पर हैचेबिल्टी 70-80 प्रतिशत
टर्की
कारी–विराट
- चौड़ी छाती वाली सफेद प्रकार की
- टर्की की बाजार में बिक्री लगभग 16 सप्ताह की आयु में ब्रायलर के रूप में उस समय होती है जब मुर्गियां सामान्यतः लगभग 8 किलो ग्राम के जीवित वजन में और टौम का वजन लगभग 12 किलो ग्राम होता है।
- स्थानीय बाजार की मांग के अनुसार कम आयु में पशुवध द्वारा छोटे, फ्रायर रोस्टरों में इसे तैयार किया जा सकता है।
नस्ल संबंधी जानकारी के लिए कृपया निम्नलिखित से सम्पर्क करें –
निदेशक,
केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान,
इज्जतनगर, उत्तर प्रदेश
पिन-243122
ई-मेलः caridirector@rediffmail.com
फोनः 91-581-230122091-581-2301220; 2303223; 2300204
फैक्सः91-581-230132191-581-2301321
कुक्कुट पालन परियोजना निदेशालय, हैदराबाद द्वारा विकसित नस्लें
वनराजा
- कुक्कुटपालन परियोजना निदेशालय, हैदराबाद द्वारा विकसित ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में पिछवाड़े में पालन के लिए उपयुक्त पक्षी
- यह एक बहुरंगी तथा दोहरे प्रयोजन वाला पक्षी होने के साथ आकर्षक पक्षति (प्लूमेज) वाला पक्षी है।
- सामान्य कुक्कुट रोग के विरुद्घ इसमें बेहतर प्रतिरक्षा स्तर है और यह मुक्त रेंज पालन के लिए अनुकूल है।
- वजराजा के नर नियमित आहार प्रणाली के तहत 8 सप्ताह की आयु में मामूली शरीर वजन हासिल करते हैं।
- मुर्गी के अंडजनन का चक्र 160-180 अंडे एक चक्र में होते हैं।
- इसके परस्पर हल्के वजन और लम्बी टांगों के कारण पक्षी परभक्षी से अपनी रक्षा करने में सफल होते हैं जो कि पिछवाड़े में पक्षी पालन में अपने आप में एक मुख्य समस्या है।
कृषिभ्रो
- कुक्कुट पालन परियोजना निदेशालय, हैदराबाद द्वारा विकसित
- बहु-रंगी व्यावसायिक ब्रायलर चिक्स
- 2-2 आहार रूपांतरण अनुपात से कम
- 6 सप्ताह की आयु तक शरीर वजन प्राप्त करता
लाभः
- सख्त, बेहतर अनुकूल तथा जीवित रहने की बेहतर क्षमता
- इसकी निर्वाहता 6 सप्ताह तक लगभग 97 प्रतिशत है
- इन पक्षियों का आकर्षक रंग पक्षति है तथा उपोष्ण मौसम स्थितियों के अनुकूल है।
- व्यावसायिक कृषिभ्रो सामान्य पोल्ट्री रोग जैसे रानीखेत तथा संक्रमण ब्रुसलरोग के विरुद्ध उच्च प्रतिरोधी है।
नस्लों की उपलब्धता के बारे में कृपया निम्नलिखित से सम्पर्क करें।
Director
Project Directorate on Poultry
Rajendra Nagar, Hyderabad – 500030
Andhra Pradesh, INDIA
Phone :- 91-40-2401700091-40-24017000/24015651
Fax : – 91-40-24017002
E-mail: pdpoult@ap.nic.in
कर्नाटक पशुचिकित्सा एवं मात्स्यिकी विज्ञान विश्वविद्यालय, बंगलोर द्वारा विकसित नस्लें
गिरिराजा
- कुक्कुट विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, बंगलोर द्वारा विकसित जिसे वर्तमान में कर्नाटक पशु चिकित्सा विज्ञान एवं मात्स्यिकी विज्ञान विश्वविद्यालय, हेब्बल, बंगलुरु के रूप में जाना जाता है।
स्वर्णधारा
- यह नस्ल एक वर्ष में 15-20 अंडे देती है जो गिरिराज चिकन नस्ल से ज्यादा है और इसे कर्नाटक पशुचिकित्सा एवं मात्स्यिकी विज्ञान विश्वविद्यालय, बंगलोर द्वारा वर्ष 2005 में जारी किया गया। स्वर्णधारा चिकन में अन्य स्थानीय नस्लों की तुलना में अंडे की उच्च उत्पादन क्षमता के साथ-साथ बेहतर वृद्धि का भी गुण है और यह मिश्रित तथा पिछवाड़ा पालन प्रणाली के लिए उपयुक्त है।
- गिरिराज नस्ल की तुलना में, स्वर्णधारा नस्ल छोटे आकार की और कम शरीर वजन वाली है जो इसे पर-भक्षियों जैसे जंगली बिल्ली और लोमड़ी के हमले से बचने में मददगार होती है।
- इस पक्षी को अंडों और मांस के लिए पाला जाता है।
- हैचिंग के बाद यह 22-23 सप्ताह में परिपक्व होती है।
- मुर्गियों का वजन लगभग 3 किलो ग्राम तथा मुर्गों का वजन लगभग 4 किलो ग्राम होता है।
- स्वर्णधारा नस्ल की मुर्गियां एक वर्ष में लगभग 180-190 अंडे देती हैं।
नस्लों की उपलब्धता के लिए निम्नलिखित पता पर सम्पर्क करें:-
Proffessor and Head,
Department of Avian Production and Management,
Karnataka Veterinary Animal Fishery Sciences University,
Hebbal, Bangalore: 560024,
Phone: (080) 23414384(080) 23414384 or 23411483 (ext)201.
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