नमस्कार दोस्तों अभी कुछ समय से मैने कई सारे किसानों के खेतो में किनोवा की फसल (Quiona ki kheti) लगी हुई देखी तो मैने सोचा क्यों ना इसकी जानकरी My Kisan Dost से जुड़े सभी पाठकों को दी जाये तो वैसे तो क्विनवा की खेती करने के लिए किसी विशेष तकनीक की आवश्यकता नही होती है फिर भी नई फसल और खेती के बारे जानना ज़रुरी होता है !
Table of Contents
Quiona ki kheti किनोवा की खेती कैसे करें?
क्विनवा बथुआ प्रजाति का सदस्य है जिसका वनस्पति नाम चिनोपोडियम क्विनवा है ग्रामीण एरिया में शब्द उच्चारण के कारण इसे किनोवा, केनवा आदि कई नाम से बताया जाता है! इसकी खेती मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिकी देशों में की जाती है! जिसमे इंग्लैंड,कनाडा,आस्टेलिया,चाइना ,बोलिविया ,पेरू इवाडोर आदि|सामान्य परिचय →
क्विनवा की खेती (Quiona ki kheti) – इस फसल को रबी के मौसम में उगाया जाता है ! इसका उपयोग गेहू चावल सूजी की तरह खाने में किया जाता है!
जलवायु और मिट्टी का प्रकार →
इसकी खेती करने के लिए कोई विशेष जलवायु और मिट्टी की आवश्यकता नही होती है यह पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी और बंजर भूमि में भी लगाया जा सकता है भारत की जलवायु इसके लिए अनुकूल है इसके बीज अंकुरण के लिए 18 से 24 डिग्री तापमान उपयुक्त रहता है! अच्छी पैदावार के लिए रात में ठण्ड और दिन में 35 डिग्री तापमान उपयुक्त रहता है!
खेत की तैयारी →
खेत की तैयारी के लिए खेत को अच्छी तरह से 2 और 3 बार जताई कर के मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए अंतिम जताई से पहले खेत में 5,6,टन प्रति हेक्टेयर की दर से गोबर की खाद् मिला देना चाहिए फिर उचित जल निकास की व्यवस्था करनी चाहिए !
क्विनवा की बुआई →
आप इसकी बुआई ओक्टुम्बर , फरवरी,मार्च और कई जगह जून जुलाई में भी कर सकते है इसका बीज बहुत ही बारीक़ होता है इसलिए प्रति बीघे में 400 से 600 ग्राम पर्याप्त होता है इसकी बुआई कतरों में और सीधे बिखेर कर भी कर सकते है|
इसका बीज खेत की मिट्टी में 1.5 सेमी से 2 सेमी तक गहरा लगाना चाहिए जब इसके पौधे 5,6 इंच के हो जाये तब पौधे से पौधे के बीच की दूरी 10 से 14 इंच बना लेनी चाहिए exrta पौधे को हटा देना चाहिए !
सिचाई और खरपतवार →
बुआई के तुरंत बाद सिचाई कर देना चाहिए इसके पौधे को बहुत ही कम पानी की आवश्यकता होती है फसल लगाने से काटने तक 3 से 4 बार पानी देना पर्याप्त रहता है! जब पौधे छोटे रहे तब खतपतवार को निकलवा देना चाहिए
कीट और रोग प्रबंधन →
क्विनवा के पौधे में किटो और रोगों से लड़ने की बहुत ज्यादा capacity रहती है साथ ही पाले और सूखे को भी सहन कर सकते है ! अभी तक इस पर किसी भी प्रकार के रोगों की जानकरी नही मिली है!
फसल की कटाई →
क्विनवा की फसल 100 दिनों में तैयार हो जाती है अच्छी विकसित फसल की ऊचाई 4 से 6 फिट तक होती है इसको सरसों की तरह काट कर थ्रेसर मशीन में आसानी से निकाल सकते है बीज को निकालने के बाद कुछ दिनों की धुप आवश्यक होती है ! प्रति बीघा उत्पादन 5 से 8-9 क्विंटल तक होता है!
क्विनवा के बारे में और अधिक जानकारी →
- इंटर नेशनल बाज़ार में इसका भाव 500 से 1000 रूपये किलो तक है
- 100 क्विनवा में 14 ग्राम प्रोटीन ,7 ग्राम डायटरी फाइबर 197 मिली ग्राम मैग्नेशियम 563 मिली ग्राम पोटेशियम 0.5 मिली ग्राम विटामिन B पाया जाता है।
- इसका प्रतिदिन सेवन करने पर हार्ट अटेक,केंसर,और सास सम्बन्धित बीमारियों में लाभ मिलता है।
- कम पानी और कम खर्च में अच्छा लाभ देने वाली फसल है।
- इसके पत्तों की भांजी बना कर भी खाया जा सकती है।
- यह खून की कमी को दूर करता है
⇛ इसके बीज आसानी से किसानों के पास उपलब्ध है ! इसे नीमच म.प्र. की मंडी में भी बेचा जा सकता है। और यदि किसी किसान भाई के पास अच्छे भाव मिलने वाली मंडी या contact farming करने वाली कम्पनी के no हो तो कमेंट में ज़रुर लिखे ताकि सभी किसान भाइयों को इसका लाभ मिल सके।
**अभी मार्किट रेट कम है, किसान भाई Quiona ki kheti करने से पहले रेट कन्फर्म कर ले। **
Share the post
This post come from this Source