न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सोलन
Updated Mon, 30 Sep 2019 11:53 AM IST
सतीश भारद्वाज, नौणी विवि के डॉ. नोडल अफसर
– फोटो : अमर उजाला
बंदगोभी, ब्रोकली, ब्रुसलज सप्राउट, केल, नोल-खोल, चाइनीज गोभी सहित अन्य की रोपाई कर लें। मध्यवर्ती क्षेत्रों में फूलगोभी पीएस बी-1 और पीएसबी के-1 की रोपाई 60 से 45 सेंटीमीटर फासले पर करें। इसके अलावा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब की तुड़ाई का काम जारी रखें। नए बागीचे लगाने से पूर्व और पहले से लगे बगीचों की तुड़ाई के पश्चात मिट्टी के नमूने लेकर प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए भेजें। इसके अलावा अखरोट, पीकन नट, किवी, मौसमी तथा माल्टा की तुड़ाई आरंभ कर दें।
पशुधन संबंधित कार्य
इस माह में दिन और रात के तापमान में अंतर होने के कारण पशुओं में बीमारी की संभावना बढ़ जाती है। पशुपालकों को रात के समय में पशुओं नवजात बछड़ों को कम तापमान से बचाव की सलाह दी जाती है। पशुओं को रात के समय सूखी बोरियों से ढक कर रखें। पशुओं के लिए बिछाये जाने वाले घास या भूस के बिछोने को प्रतिदिन बदल दें ताकि गोशाला का फर्श साफ तथा सूखा रहे।
आपके सवालों के जवाब
सवाल- मध्यवर्ती क्षेत्र में मटर की बिजाई के लिए कौन सा माह सही रहता है, जिसमें मटर की अच्छी पैदावार हो सके। सनी, निवासी पाट्टी, सोलन
जवाब-मध्यवर्ती क्षेत्र में किसानों को मटर की अच्छी पैदावार लेने के लिए अक्तूबर माहं के अंत और नवंबर माह की शुरुआत तक मटर की बिजाई का कार्य पूर्ण कर लेना चाहिए। जिससे किसानों की अच्छी पैदावार होगी। मटर के लिए ठंडे तापमान की आवश्यकता होती है।
सवाल- निचले क्षेत्रों में प्लम, खुमानी, अनार, नाशपती के पौधों की प्रूनिंग का कार्य किस मौसम में करना सही रहता है, जिससे पौधों की ग्रोथ अच्छे से हो सके। आदित्य, निवासी भुलग, सोलन
जवाब-फलदार पौधों की प्रूनिंग सहित तौलियां बनाने का कार्य करने के लिए उचित समय दिसंबर और जनवरी माह का होता है। इस दौरान धूप भी कम सहित नमी भी कम होती है। जोकि पौधों की प्रूनिंग के लिए सही मानी जाती है। इसलिए उक्त माह में ही पौधों की प्रूनिंग का कार्य किया जाना चाहिए।