न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हिसार (हरियाणा)
Updated Sat, 12 Oct 2019 12:51 AM IST
साथ ही कई महत्वपूर्ण तकनीकी पहलुओं पर विचार विमर्श किया गया। गेहूं की डब्ल्यूएच 1184 किस्म की सिफारिश समय की बिजाई, अधिक उपजाऊ व सिंचित दशा के लिए वर्ष 2019 के लिए की गई है। यह किस्म हरियाणा राज्य के लिए अनुमोदित की गई है। इस किस्म की औसत पैदावार 24.5 क्विंटल प्रति एकड़ और अधिकतम उपज 28.1 क्विंटल प्रति एकड़ है।कार्यशाला के समापन पर डॉ. सहरावत ने कहा कि किसानों को ऐसी कृषि प्रौद्योगिकी व कृषि के विविधिकरण की आवश्यकता है, जिन्हें अपनाकर वे खेती से लाभ अर्जित कर सकें। उन्होंने बदलते जलवायु के अनुरूप कृषि प्रौद्योगिकी विकसित करने व किसानों को सरकार की लाभकारी कृषि योजनाओं से अवगत कराने पर भी बल दिया।
उन्होंने वैज्ञानिकों से आह्वान किया के किसानों की जरूरत के मुताबिक शोध कार्यों व विस्तार कार्यों की रूपरेखा तैयार की जाए और इनके क्रियान्वयन में बढ़चढ़ कर भाग लें, ताकि सरकार का वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणा करने का सपना साकार हो सके। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों व कृषि अधिकारियों के आपस के तालमेल से ही किसान का भला हो सकता है।