भारत शुरुआत से ही विविधताओं का देश रहा हैं. मेले और सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन यहाँ अक्सर देखने को मिल जाते हैं. भारत में मेले कई रूपों में भरते हैं जिसमें पशु मेला का भी एक ख़ास महत्व हैं. भारत के कई राज्य हैं जहां के पशु मेले काफी फेमस हैं. जहां उत्तम नस्ल के पशु आसानी से कम दामों पर मिल जाते हैं. अगर आप डेयरी व्यवसाय या पशुपालन का काम बड़े स्तर पर करना चाहते हैं तो इसके लिए उन्नत नस्ल के पशु आप भारत में विभिन्न स्थानों पर लगने वाले प्रसिद्ध मेलों से कम दाम पर खरीद सकते हैं. भारत में सबसे बड़ा पशु मेला बिहार में लगता है. जबकि सबसे ज्यादा मेले राजस्थान में लगते हैं. आज हम आपको भारत देश में लगने वाले प्रमुख मेलों के बारें में बताने वाले हैं.
पशु मेले में पशुओं की खरीद के वक्त रखी जाने वाली सावधानियां
पशु मेले में पशुओं की खरीद के दौरान कम भाव दिखाई देने पर कई किसान भाई बिना परख के पशु की खरीद कर लेते हैं और कभी कभी उनकी ये गलती उन्हें नुक्सान पहुँचा देती हैं. इसलिए खरीद के वक्त सावधानी बरतनी चाहिए.
- कभी भी बीमार पशु नही खरीदना चाहिए.
- पशु को खरीदने से पहले उसके चेक अप की जानकारी ले लेना चाहिए.
- पशु की खरीद के दौरान पशुओं की जानकारी रखने वाले किसी भी व्यक्ति को साथ रखना चाहिए. और उसकी सलाह लेकर पशु खरीदना चाहिए.
- पशु की खरीद की रसीद हमेशा लेनी चाहिए.
भारत के प्रमुख पशु मेले
सोनपुर पशु मेला
सोनपुर पशु मेला बिहार के सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन नवम्बर या दिसम्बर माह में लगता है. जो सम्पूर्ण एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है. इस मेले को छत्तर मेला और हरिहर क्षेत्र मेला के नाम से भी जाना जाता हैं. यहां हाथी और घोड़ों की खरीद मुख्य आकर्षक केंद्र होते हैं. इसके अलावा गाय, भैंस और भी कई तरह के पशुओं को ख़रीदा और बेचा जाता है. इस मेले में विदेशों से भी नागरिक भाग लेने के लिए आते हैं.
रामदेवी जी पशु मेला
रामदेवी जी पशु मेला पोकरण के पास रामदेवरा नामक गांव में भरता है. वैसे इस मेले की मान्यता पशुओं की खरीद बेच के साथ साथ धार्मिक और सांस्कृतिक रूप में भी है. यहाँ की मान्यता है की यहाँ आने पर कोढ़ जैसे चर्म रोग से छुटकारा भी मिलता है. यह मेला जनवरी या फरवरी में लगता हैं. रामदेव जी पशु मेला में कई तरह के दुधारू और व्यापारिक पशुओं की खरी और बिक्री की जाती हैं. जिसमें आसपास के राज्यों से काफी लोग भाग लेने के लिए पहुँचते हैं.
पुष्कर पशु मेला
राजस्थान में लगने वाला ये एक बहुत बड़ा पशु मेला हैं. जो अजमेर से कुछ दूर स्थित पुष्कर में लगता हैं. इस मेले में गाय, भैंस, बकरी और भी कई तरह के पशुओं की खरीद और बिक्री की जाती है. इस मेले में गिरी गाय भी देखने को मिलती हैं. यह मेला कार्तिक पूर्णिमा मेले के नाम से भी जाना जाता है. इस मेले को लेकर एक और मान्यता है. जिसके मुताबिक़ कार्तिक पूर्णिमा के दिन पुष्कर झील में हिंदू धर्म के सभी देवी देवता झील में एकत्रित होते हैं. इस कारण उस दिन पुष्कर झील में स्नान करना पवित्र माना जाता है. इस मेले में बहुत विदेशी सैलानी भी खूब देखने को मिलते हैं.
महाशिवरात्रि पशु मेला
महाशिवरात्रि पशु मेला राजस्थान में भरने वाले पशु मेलों में प्रमुख है. यह मेला महाशिवरात्रि के दिन करोली जिले में लगता है. इस मेले में हरियाणवी नस्ल की भैस, गाय और अन्य पशुओं की बिक्री ज्यादा होती हैं. इसके अलावा मेले में और भी कई राज्यों के पशु बिकने के लिए पहुँचते हैं. यह मेला लगभग एक सप्ताह तक चलता हैं.
नागपुर का पशु मेला
नागपुर का पशु मेला दुधारू पशुओं की खरीद और बिक्री के लिए जाना जाता है. नागपुर के इस मेले में हर प्रकार की अच्छी नस्ल के दुधारू पशु आसानी से मिल जाते हैं. यह भारत में दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला माना हैं. जो हर साल जनवरी या फरवरी माह में लगता है. जिसमें भारत के कई राज्यों से पशु व्यापारी यहाँ पहुँचते हैं.
बटेश्वर का पशु मेला
बटेश्वर का पशु मेला को आगरा का पशु मेला के नाम से भी जाना जाता है. यह मेला आगरा से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर लगता हैं. जिसमें हर प्रकार के पशु देखने को मिलते है. मेले के दूसरे चरण में दुधारू पशुओं की खरीद और बिक्री देखने को मिलती है. यह मेला प्रतिवर्ष कार्तिक मास यानी अक्टूबर और नवम्बर माह में देखने को मिलता है.
श्री मल्लीनाथ पशु मेला
श्री मल्लीनाथ पशु मेला का आयोजन राजस्थान के बाड़मेर जिले की पचपदरा तहसील में प्रतिवर्ष चैत्र बुदी ग्यारस से चैत्र सुदी ग्यारस तक किया जाता है. अब यह मेला पशुपालन विभाग द्वारा चलाया जाता है. जिसमें बैल, ऊंट, घोड़े और कई तरह के पशु ख़रीदे और बेचे जाते हैं. इस मेले में आसपास के कई राज्यों के लोग शामिल होते हैं. जिसमें संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है.
इनके अलावा और भी कई पशु मेले लगते हैं. लेकिन ये कुछ प्रमुख मेले हैं. जो पूरे भारत में सबसे ज्यादा जाने जाते हैं.