आयुर्वेद में तो गाजर को कई मर्जों की दवा बताया गया है। इसमें भरपूर मात्रा में कैरोटीनॉइड, पोटैशियम, विटामिन ए और ई आदि पोषक तत्त्व मिलते हैं जो इम्युनिटी
आयुर्वेद में तो गाजर को कई मर्जों की दवा बताया गया है। इसमें भरपूर मात्रा में कैरोटीनॉइड, पोटैशियम, विटामिन ए और ई आदि पोषक तत्त्व मिलते हैं जो इम्युनिटी बढ़ाकर बीमारियों से बचाते हैं। कैरोटीनॉइड और बीटा कैरोटीन एंटीऑक्सीडेंट्स हैं जो प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर से भी बचाते हैं। इसी कारण शरीर में कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है जिससे हृदय के रोग नहीं होते हैं। जिनकी धडक़न तेज रहती है उन्हें गाजर को भूनकर खाना चाहिए। इसी तरह जिनको पीलिया या पेट संबंधी परेशानी रहती है उन्हें रोज दो गाजर कच्ची खाना चाहिए। इससे पेट साफ होता है। इसमें मौजूद पोटैशियम बीपी को नियंत्रित रखता है। गठिया, आंखों के रोग, एनीमिया और अनियमित माहवारी की परेशानी है तो भी रोज गाजर खाना चाहिए। गाजर खाने से त्वचा संबंधी परेशानी भी दूर होती है।
गाजर को कई तरह से खा सकते हैं जैसे कच्चा सलाद में, सब्जी, हलवा या फिर खीर भी बनाकर खा सकते हैं।
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